फेम फाइंडर्स मीडिया द्वारा आयोजित ‘द्वितीय राष्ट्रीय सम्मेलन – एआई-पावर्ड मैनेजमेंट’ में स्पीकर सीए श्वेता पाठक ने एआई पर जागरूकता बढ़ाई।

फेम फाइंडर्स मीडिया द्वारा आयोजित ‘द्वितीय राष्ट्रीय सम्मेलन – एआई-पावर्ड मैनेजमेंट’ में स्पीकर सीए श्वेता पाठक ने एआई पर जागरूकता बढ़ाई।

फेम फाइंडर्स मीडिया ने सीएसआर रिसर्च फाउंडेशन के सहयोग से नई दिल्ली के जनपथ स्थित ली-मेरीडियन के डिज़ायर हॉल में ‘द्वितीय राष्ट्रीय सम्मेलन – एआई-पावर्ड मैनेजमेंट के युग’ का सफलतापूर्वक आयोजन किया।

इस सम्मेलन ने उद्योग के अग्रणी नेताओं, नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों और एआई विशेषज्ञों को एकत्रित किया, ताकि प्रबंधन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की परिवर्तनकारी भूमिका पर गहराई से चर्चा की जा सके। इस आयोजन ने पेशेवरों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रबंधन परिदृश्य को पुनः परिभाषित करने में एआई प्रौद्योगिकियों की संभावनाओं का अन्वेषण करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान किया।

सीए श्वेता पाठक, जो भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान (ICAI) के उत्तरी भारत क्षेत्रीय परिषद (NIRC) की पूर्व उपाध्यक्ष रही हैं, ने ‘द्वितीय राष्ट्रीय सम्मेलन – एआई-पावर्ड मैनेजमेंट’ में एक गहन और विचारशील भाषण दिया। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के लेखा क्षेत्र पर परिवर्तनकारी प्रभाव पर चर्चा की।

अपने पेशे में व्यापक अनुभव के आधार पर, उन्होंने बताया कि एआई तकनीक कैसे लेखा प्रथाओं में क्रांति ला रही है, जैसे नियमित कार्यों को स्वचालित करना, सटीकता बढ़ाना, और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में सुधार करना। उन्होंने यह भी जोर दिया कि बदलते वित्तीय परिदृश्य में प्रासंगिक बने रहने के लिए लेखाकारों को इन तकनीकी प्रगतियों को अपनाना आवश्यक है। साथ ही, उन्होंने बताया कि कैसे एआई व्यवसायों के लिए अधिक दक्षता और लागत बचत का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। श्वेता पाठक की प्रस्तुति ने लेखा क्षेत्र के भविष्य में नवाचार को बढ़ावा देने और सतत् पेशेवर विकास के लिए एआई के समावेश की आवश्यकता को रेखांकित किया।

यह सम्मेलन एआई के प्रबंधन में भविष्य और उद्योगों में इसके क्रांतिकारी प्रभाव को समझने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। साथ ही, यह पेशेवरों को नेटवर्किंग, सहयोग, और विकास और नवाचार के नए अवसरों का अन्वेषण करने का अवसर प्रदान करता है।

इस आयोजन को आरके ग्रुप ऑफ एजुकेशन, सम्पूर्णा ईवी, आदिशंक, कंस्ट्रुमार्ट, आदित्य बिड़ला कैपिटल, बिर टिकेंद्रजीत विश्वविद्यालय, और वुड्स लाइफस्टाइल जैसी प्रमुख संस्थाओं का समर्थन प्राप्त था।

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